शिवालयों में विशेष तैयारी : महाशिवरात्रि के मद्देनजर शहर के शिवालयों में रुद्राभिषेक, महाभिषेक, जलाभिषेक के लिए विशेष तैयारी की गई है।
मनकामेश्वर मंदिर
मनकामेश्वर दुनिया के प्राचीन मंदिरों में शुमार किया जाता है। इसकी
स्थापना मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने की थी। शिवरात्रि पर भक्तों के
पूजन-दर्शन के लिए यहां विशेष तैयारी की गई है। साथ ही मंदिर की
फूल-पत्तियों व झालरों से आकर्षक सजावट की गई है।
पंचमुखी महादेव
शिवरात्रि पर पंचमुखी महादेव में भक्तों की खासी भीड़ रहती है। ऐसी
मान्यता है कि यहां दर्शन-पूजन करने से श्रद्धालुओं की हर कामना पूरी होती
है। महिला व पुरुष भक्तों के लिए अंदर आने व निकासी के लिए खास व्यवस्था
है।
दशाश्वमेध महादेव
दारागंज मुहल्ले में स्थित इस प्राचीन मंदिर में भक्तों का भारी हुजूम
उमड़ता है। शिवरात्रि पर मंदिर की सजावट करने के साथ दिनभर धार्मिक
कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
तक्षकतीर्थ
इस मंदिर में रुद्राभिषेक, महाभिषेक व जलाभिषेक करने साधक की हर इच्छा
पूरी होने के साथ काल सर्पदोष की शांति भी होती है। इसके मद्देनजर मंदिर
में कई जगह रुद्राभिषेक कराने की व्यवस्था की गई है।
=> पड़िला महादेव, लालापुर स्थित मनकामेश्वर, भोलेगिरि, हाटकेश्वरनाथ, आजाद
नगर साउथ मलाका स्थित प्राचीन शिव मंदिरों में वैदिक मंत्रोचार के बीच
रुद्राभिषेक कराया जाएगा। इसके लिए धर्माचार्यो की दर्जनभर टीम गठित की गई
है। वहीं नागवासुकी मंदिर में भी रुद्राभिषेक कराया जाएगा। प्राचीन गणेशन
मंदिर में भोलेबाबा का भव्य श्रृंगार किया जाएगा।
रुद्राभिषेक व उसका महत्व
ज्योतिर्विद शुशील कुमार सिंह के अनुसार महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अलग-अलग चीजों से रुद्राभिषेक कराने का विशेष महत्व होता है।
पदार्थ का नाम - होने वाला फायदा
गंगाजल - मानसिक एवं शारीरिक शांति।
गाय के दूध - अभिलाषा की पूर्ति।
गन्ने के रस - धन की प्राप्ति।
शहद से - रोग का नाश होगा।
कुषायुक्त जल - व्याधि की शांति होगी।
दही से - परिजनों के प्रेम की प्राप्ति।
गाय के घी - मोक्ष की प्राप्ति।
सरसों के तेल - शत्रु का नाश होगा।
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