फाल्गुन कृष्णचतुर्दशी सोमवार को महाशिवरात्रि के पावन अवसर शिवलिंग का
श्रद्धा से दर्शन-पूजन करने से भक्तों की हर इच्छा पूरी होगी। श्रद्धा भाव
से व्रत रखकर भोलेनाथ का पूजन करने से मानव की हर इच्छा पूरी होगी। इसके
साथ ही प्रयाग में चल रहे कल्पवास का समापन हो जाएगा। संगम क्षेत्र में
जप-तप कर रहे कल्पवासी व संत गंगा स्नान कर लौट जाएंगे।
धर्माचार्यो के अनुसार सोमवार की मध्यरात्रि तक शिव पूजन का विशेष
मुहूर्त है। अभिष्ट सिद्धि के लिए सोमवार की रात 12.04 से 2.21 बजे तक पूजन
करना चाहिए। गंगा स्नान कर धतूरा, बेलपत्र, मदार, भांग, सफेद तिल, गाय के
दूध, सफेद फूल व सफेद चंदन से शिवलिंग का अभिषेक करने से हर इच्छा की
पूर्ति होगी।
इलाहाबाद जिले में महाशिवरात्रि पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया। धार्मिक संस्थाओं की
ओर से शहर में शोभायात्रा निकाली गई। बम भोले के जयकारों से वातावरण
गुंजायमान हो उठा। फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर शिवरात्रि पर
लोगों ने व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। ढोल-बाजों के साथ
कावड़िये मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचे। महाशिवरात्रि पर भोलेबाबा का जलाभिषेक करने के लिए कांवरियों का बड़ा जत्था
प्रयाग पहुंचा। इसमें पुरुष के अलावा महिला, युवतियां, बच्चियां व बुजुर्ग
कांवरिया शामिल थे। इससे संगम क्षेत्र, दशाश्वमेधघाट, रामघाट आदि स्थानों
पर गेरूआ वस्त्रधारी कांवरियों का मजमा लग गया। कांवरिया गंगाजल लेकर बोल
बम, भोलेबाबा का जयघोष करते हुए काशी के लिए रवाना हो गए। जबकि कुछ ने यहीं
रात काटी वह सोमवार को मनकामेश्वर व दशाश्वमेध मंदिर में शिवलिंग का
जलाभिषेक करेंगे।
No comments:
Post a Comment