माघमास की सोमवती अमावस्या मानव के लिए कल्याण का संदेश लेकर आएगी। इस पावन
अवसर पर संगम में स्नान-दान करने वाले मानव की हर कामना पूरी होने साथ
उनके लिए मोक्ष का द्वार भी खुलेगा। साथ ही मानसिक व शारीरिक कष्टों से
छुटकारा मिलने के साथ आंतरिक काया का कल्प होगा। ज्योतिर्विदों के अनुसार
30 वर्षो बाद ऐसा शुभ अवसर आया है जब सोमवती अमावस्या पर सारे ग्रह,
नक्षत्र भी कल्याणकारी की भूमिका में हैं।
वरिष्ठ ज्योतिर्विद डॉ. रामनरेश त्रिपाठी के अनुसार सोमवार को अमावस्या
पड़ता काफी दुर्लभ संयोग है। इसमें मौन रहकर संगम या किसी पवित्र नदी में
स्नान करने से जन्मजन्मांतर का पाप धुल जाता है। श्रीधर्मज्ञानोपदेश
संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार
सोमवती अमावस्या से ही श्रीकृष्ण के युग द्वापर का शुभारंभ हुआ था। इसी से
दूसरे युग की शुरुआत हो जाती है। सोमवती अमावस्या पर सूर्य व चंद्र एक साथ
होंगे। इनके अलावा गुरु सुख, राहु लाभ व शनि भी उच्च का होगा। जो मानव की
हर कामना को पूरी करेगा।
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