संगम तीरे भजन-कीर्तन का दौर शुरू हो गया। दूर-दूर से आए श्रद्धालु इस तप
की नगरी में दिन-रात अपने आराध्य का स्मरण कर रहे हैं। हर कोई आस्था में
डूबा है। संतों का शिविर हो या कल्पवासियों का टेंट, हर जगह ज्ञान की गंगा
बह रही है। कल्पवासी संतों की सेवा, दान-पुण्य व गंगा स्नान में रमे हैं।
वहीं मेला प्रशासन मकर संक्रांति स्नान पर्व की तैयारी में जुटा है। इसमें
देश-विदेश से दस लाख
से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसी कारण
प्रशासन खासा चौकन्ना है।
मकर संक्रांति माघ मास का प्रथम स्नान पर्व माना जाता है। मेला प्रशासन
द्वारा स्नानघाटों को दुरुस्त करने की तैयारी जोरों पर है। कटान को रोकने
के लिए गंगा में बाड़ डालने के साथ बालू की बोरियां डाली जा रही हैं। वहीं
श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए संगम घाट व परेड ग्राउंड के पास रैन बसेरा का
निर्माण किया जा रहा है। मेलाधिकारी अवधेश कुमार के अनुसार श्रद्धालुओं की
सुविधा और सुरक्षा के में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। इसको लेकर दिन-रात
तैयारी की जा रही है।
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