आश्चिन मास का शुक्ल पक्ष अपने साथ शुभ नवरात्रे लेकर आता है. उपवास के समाप्त होते
ही दशमी तिथि में दशहरा पूरे भारत वर्ष में बडी धूमधाम से मनाया जाता है. वर्ष 2012
में दशहरा पर्व 24 अक्तुबर, बुधवार के दिन मनाया जायेगा. दशहरे की प्रतिक्षा बच्चे, बूढे और
बडे सभी बडी बेसब्री से कर रहे होते है.
भगवान् श्रीराम द्वारा रावण
का वध जिस दिन किया गया उसको दशहरा कहा जाता है! इस दिन रावण का पुतला
जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत सिद्ध करते है! लेकिन भारतीय संस्कृति में
प्रत्येक त्योहार का आध्यात्मिक अर्थ होता है, इसी को जीवन में लगाना होता
है! रावण और कुछ नहीं बल्कि हमारा अहंकार ही है, जब तक ये अहंकार है तब तक
हमारे अन्दर अनेक विकार पनपते रहते है ये ही हमारे सारे दुखों की जड़ है,
जितना ज्यादा अहंकार होता है उतना ही ज्यादा दुःख होता है, ये अहंकार ही
हमें अपने सत चित आनंद स्वरुप से दूर किए रखता है! दशहरे को विजय दशमी के नाम से भी जाना जाता है. दशहरे के पर्व पर बच्चों को दशहरे मेले
से मनपसन्द खिलौने मिलते है. वहीं बडों के लिये यह धार्मिक महत्व रखता है. दशहरा पर्व
असत्य पर सत्य की विजय का दिन है
मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम ने जिस तरह इस
दुनिया से पाप और असत्य का खात्मा किया था वह साफ दर्शाता है कि अगर एक आम
इंसान भी मन में कुछ करने की ठान ले तो वह बहुत कुछ कर सकता है. नवरात्र
के नौ दिनों में मां भगवती की अराधना के बाद दसवें दिन विजयदशमी का त्यौहार
मनाया जाता है. विजयदशमी को “दशहरे” के नाम से भी जाना जाता है जो भगवान
श्रीराम द्वारा रावण का वध किए जाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
कैसे करें पूजन
विजयदशमी
के दिन भगवान श्री राम की पूजा करने का विशेष विधान है. इस दिन सबसे पहले
सभी कार्यों से निवृत्त होकर आटे या हल्दी से भगवान श्रीराम का चित्र
बनाएं. आटे या गाय के गोबर की 10 लोई बनाकर इसमें नवरात्र में बोये नोरते
(जौ) गाड़ दें. चूंकि रावण के 10 सिर 10 महाविद्याओं के प्रतीक हैं, इसलिए
यह विधान है. शाम साढ़े पांच से साढ़े सात के मध्य जय और विजय देवी का पूजन
करें. एक थाली में “जय विजय” लिखकर प्रार्थना करें.